भारतीय रेल

सबसे लंबा सफर, पुल, प्लेटफॉर्म इत्यादि
दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफार्म सिद्धारूढ़ा स्वामीजी हुबली स्टेशन मे है जिसके लम्बाई 1507 मीटर है ।
2011 में शुरू की गई डिब्रूगढ़ और कन्या कुमारी (4286 किमी) के बीच चलने वाली विवेक एक्सप्रेस सबसे लम्बी यात्रा तय करती है । इससे पहले, हिमसागर एक्सप्रेस (कन्या कुमारी और जम्मू तवी के बीच, 3751 किमी) सबसे लंबी यात्रा तय करती थी ।
सबसे लम्बी यात्रा तय करने वाली राजधानी एक्सप्रेस हज़रत निजामुद्दिन और तिरुवनंतापुरम के बीच चलती है । इस यात्रा की कुल लम्बाई 3149 की.मी. है ।
4.62 किलोमीटर की लंबाई वाला येदापल्ली और वल्लरपादम के बीच का वेम्बानाड रेलवे पुल भारत का सबसे लंबा रेलवे पुल है ।
काजीगुंड और बनिहाल के बीच का पीर पंजाल रेलवे सुरंग जिसके लम्बाई 10.96 किलोमीटर है भारत का सबसे लम्बा रेलवे सुरंग है । इस सुरंग पर काम अक्टूबर 2011 में पूरा किया गया था । इससे पहले कोंकण रेलवे का कारबुडे सुरंग (लंबाई 6.5 किमी) सबसे लंबा रेलवे सुरंग था ।
विविध जानकारी
कोंकण रेलवे पश्चिमी घाट में सहयाद्री पहाड़ों से होकर गुजरती है और मुम्बई और मंगलौर को जोड़ती है ।
भारतीय रेल नेटवर्क अमेरिका, रूस और चीन के बाद विश्व का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है । इसकी कुल लम्बाई 65,808 किलोमीटर (31.03.2014) है ।
भारतीय रेल की कुल विद्युतीकृत मार्ग की लम्बाई 21,614 किलोमीटर है (31.03.2014)
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कालका शिमला रेलवे सामूहिक रूप से यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में वर्गीकृत किए गए हैं ।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई जिसे विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था, भी एक विश्व धरोहर स्थल है.
भोलु, एक हाथी भारतीय रेलवे का शुभंकर है ।
नई दिल्ली से अलवर के बीच चलने वाली फेयरी क्वीन दुनिया के सबसे पुराना भाप इंजन परिचलन में है ।
विश्व की पहली रेलवे समय सारणी जॉर्ज ब्रैडशॉ द्वारा डिजाइन की गई थी ।
सिलीगुड़ी स्टेशन मे बड़ी, मीटर और छोटी तीनों लाइनें मौजूद है ।



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